हमारे सपने... 2
20 अक्टूबर 2021
समय सुबह के 7:25
आगे....
सच तो यह है कि हममें से अधिकतर लोग अपनी पसंद के स्थान अथवा घर में नहीं रहते हैं...... क्यों?
हमारी सीमित आय ऐसा करने की हमें अनुमति नहीं देती है |
आप के सपने का सच
हमें आखिर यही होते हुए देखना है....
बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा......
पुराने दोस्तों के साथ समय.....
नए मित्र बनाना.........
घूमना - फिरना और वैकेशन मनाना.......
मनोरंजन.......
रचनात्मक गतिविधियों में व्यस्त रहना.....
रात्रि भोज के लिए बाहर जाना......
नए - नए कपड़े खरीदना......
तथा
जी खोलकर वह सब करना, जिसे करने से हमें खुशी मिलती है |
परंतु होता है यही न
सीमित आमदनी के चलते हम अपने सपनों के साथ समझौता कर देते हैं|
गौर किया जाए तो आज
***** हममें से अधिकतर लोग स्वयं को थोड़े में ही जीने के लिए प्रशिक्षित कर चुके हैं *****
हकीकत तो यही है
" हम अपनी जीविका छिन जाने के डर से पहले नौकरी तलाशते हैं और जब नौकरी करने लगते हैं..... जो कि उबाऊ लगती है
फिर भी मज़बूरी में उससे चिपके रहते हैं "
हम दुनिया देख रहे हैं और अपनी नौकरी को छोड़ नहीं रहे हैं और नया कुछ करने की हिम्मत नहीं जुटा रहे और अपने बच्चों को सीखाते हैं
* स्कूल जाओ अच्छे नंबर लाओ ताकि तुम्हें अच्छे कालेज में स्थान मिले वहाँ भी जी तोड़ मेहनत कर आप अच्छे ग्रेड लाना ताकि नौकरी मिलने की संभावना ज्यादा हो
अब ग्रैजूएशन पूरा हुआ बेटा कंपटीशन दो अच्छे अंक से पास करो (...... बेटा 26 साल का हो गया)
अब उसे नौकरी मिल गई "
* जो पापा कर रहे हैं और परेशान😕❓ हैं वही बेटे को भी करने के लिए तैयार कर दिए
बधाई 🎉🎊हो आप ने अपने बेटे को भी एक जीविकोपार्जन का रास्ता पकड़ा ही दिया*
नौकरी मतलब
घंटे × काम = रुपये
यहाँ मैं नौकरी की बुराई नहीं कर रहा हूँ |
शेष आगे.....
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