खांसी के प्रकार और इलाज
Contents
- 1 खांसी का परिचय (Introduction of Cough)
- 2
- 3 खांसी क्या है (What is Cough?)
- 4 खांसी के प्रकार (Types of Cough)
- 5 खांसी के कारण (Causes of Cough)
- 6 खांसी के लक्षण (Symptoms of Cough)
- 7 खांसी के लिए घरेलू उपचार (Home Remedy for Cough)
- 7.1 शहद के सेवन से सूखी खांसी का इलाज (Honey:Home Remedy for Cure Cough in Hindi)
- 7.2 तुलसी के प्रयोग से खांसी का उपचार (Tulsi:Home Remedy for Cough in Hindi)
- 7.3 हल्दी के इस्तेमाल से होती है खांसी ठीक (Turmeric : Home Remedy for Cough Treatment in Hindi)
- 7.4 सूखी खांसी का इलाज अदरक (Ginger : Home Remedy for Cure Cough in Hindi)
- 7.5 और पढ़ें – खाँसी में लाजवंती के फायदे
- 7.6 नमक से सूखी खांसी का घरेलू उपचार (Salt : Home Remedy in Cough in Hindi)
- 7.7 खांसी की बीमारी का उपचार प्याज (Onion Uses in Cure Cough in Hindi)
- 7.8 मुलेठी के इस्तेमाल से करें खांसी को ठीक (Mulethi : Home Remedy for Cough Treatment in Hindi)
- 7.9 गिलोय के प्रयोग से पुरानी खांसी का इलाज (Giloy Benefits in Cough Treatment in Hindi)
- 7.10 अनार के सेवन से सूखी खांसी का उपचार (Anar Benefits in Cough Problem in Hindi)
- 7.11 कफ वाली खांसी में सरसों का प्रयोग लाभदायक (Mustard Uses in Cure Cough in Hindi)
- 7.12 गीली खांसी में बादाम का इस्तेमाल फायदेमंद (Almond Benefits for Cough in Hindi)
- 7.13 बलगम वाली खांसी में काली मिर्च के प्रयोग से लाभ (Black Pepper Benefits in Cough Disease in Hindi)
- 7.14 खांसी के इलाज के लिए अन्य उपाय (Other Home Remedy for Cough)
- 8 खांसी में आपका खान-पान (Your Diet in Cough Disease)
- 9 खांसी में आपकी जीवनशैली (Lifestyle changes in Cough)
- 10 खांसी की बीमारी में डॉक्टर से कब सम्पर्क करें (When to Contact docotr)
खांसी का परिचय (Introduction of Cough)
खांसी (Home Remedy for Cough) होना एक बहुत ही आम समस्या है। यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक किसी को भी हो सकती है। मौसम में जरा से भी बदलाव के कारण खांसी की समस्या हो सकती है। इसमें व्यक्ति को गले में खराश होती है तथा खांसी के साथ गले में दर्द भी हो सकता है। यदि जल्दी खांसी का उपचार न किया जाए तो खाँसते-खाँसते सीने मेंहोने लगता है।
Healthखाँसी होना हमारे शरीर की एक रक्षात्मक प्रणाली है जो वायु मार्ग से धूल, धुएँ या बलगम को साफ करने के लिए होती है। इन कारकों से गले में इरिटेशन होती है और खाँसी के प्रकार के रूप में शरीर इनको बाहर निकालता है।
खांसी क्या है (What is Cough?)
आयुर्वेद में खांसी रोग का कारण वात, पित्त, कफ के असंतुलन को बताया गया है। अनुचित भोजन एवं जीवनशैली के कारण वात एवं कफ विकार होकर खाँसी का कारण बनते हैं। आयुर्वेद में खाँसी को कास कहा गया है।
कास मुख्यतः कफ दोष के कारण होता है। खाँसी को आयुर्वेदीय उपचार (Home Remedy for Cough) से ठीक किया जा सकता है लेकिन इसके साथ उचित खान-पान एवं परहेज करना जरूरी है। ऐसा नहीं करने पर खांसी रोग ठीक नहीं होती है।
खांसी के प्रकार (Types of Cough)
खांसी मुख्यतः दो प्रकार की होती हैः-
- सूखी खाँसी (Dry cough)
- बलगम युक्त खाँस (Wet cough)
खांसी के अन्य प्रकार
तेज खाँसी (Acute cough)
यह थोड़े समय के लिए तथा या ज्यादातर ऊपरी श्वासनली के संक्रमण के कारण होती है। यह फ्लू या कॉमन कोल्ड के कारण होती है।
पुरानी खाँसी (chronic cough)
यह 6-8 सप्ताह तक रह सकती है। यह Allergic rhinitis, T.B. या Lung cancer और Lung infection के कारण होती है।
खांसी के कारण (Causes of Cough)
खांसी की बीमारी होने के निम्न कारण हो सकते हैंः-
- वायरल संक्रमण के कारण
- सर्दी या फ्लू के कारण
- प्रदूषण और धूल-मिट्टी से युक्त वातावरण के कारण।
- अधिक धूम्रपान करने के कारण।
- टीबी (Tuberculosis) या दमा रोग होने के कारण।
सूखी खाँसी के कारण
सूखी खांसी इन कारणों से होती हैः-
- नाक और गले में किसी बाहरी पदार्थ के कारण एलर्जी होने से सूखी खाँसी हो सकती है।
- प्रदूषण युक्त वातावरण में धूल या मिट्टी के कारण सूखी खाँसी हो सकती है।
- टी.बी. या दमा जैसी बीमारियाँ होने पर सूखी खाँसी हो सकती है।
- फेफड़ों का कैंसर होने पर सूखी खांसी हो सकती है।
खांसी के लक्षण (Symptoms of Cough)
यदि खांसी किसी संक्रमण के कारण होती है तो उसके निम्न लक्ष्ण हो सकते हैं-
- नाक से पानीआना
- बुखार
- साइनस में दर्द होना।
- शरीर में दर्द और ठंड लगना
- बलगम निकलना
- खाँसते-खाँसते उल्टी की इच्छा होना।
असंक्रामक खाँसी के लक्षण
ऐसी खाँसी धूल, मिट्टी या गले में कुछ फँस जाने के कारण होती है और यह थोड़े समय के लिए होती है।
गीली खाँसी के लक्षण
- साँस लेने में घरघराहट की आवाज आना।
- खाँसते-खाँसते कफ का निकलना।
- सीने में जकड़ाहट और दर्द महसूस होना।
- साँस लेने में कठिनाई का अनुभव।
कुक्कुर खाँसी के लक्षण
इसे काली खाँसी और whooping cough भी कहते हैं। यह एक जीवाणु का संक्रमण होता है जो कि शुरुआत में नाक और गले को प्रभावित करता है। यह रोग दो वर्ष से कम आयु के बच्चों की श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। यह संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने से फैलता है।
यह रोग बोर्डटेल परटयूसिस नामक सूक्ष्मजीवी के कारण होता है, इसमें बच्चे को बार-बार खाँसी के दौरे पड़ते हैं तथा खाँसी के बाद उल्टी होने की भी संभावना रहती है। खाँसी के साथ बलगम निकलता है तथा साँस लेने में कठिनाई होती है तथा साँस लेने में विशेष प्रकार की आवाज निकलती है।
और पढ़े – काली खांसी में सर्पगंधा के फायदे
खांसी के लिए घरेलू उपचार (Home Remedy for Cough)
आप खांसी की बीमारी में ये उपचार आजमा सकते हैंः-
शहद के सेवन से सूखी खांसी का इलाज (Honey:Home Remedy for Cure Cough in Hindi)
सूखी खाँसी में शहद बहुत ही लाभदायक होता है। एक चम्मऔर पढ़ें – खाँसी में लाजवंती के फायदेच शहद को गरम दूध के साथ मिलाकर पिएँ।
और पढ़ें – खाँसी में लाजवंती के फायदे
तुलसी के प्रयोग से खांसी का उपचार (Tulsi:Home Remedy for Cough in Hindi)
तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर इसका काढ़ा बनाकर पिएँ।
तुलसी की पत्तियों का रस एवं अदरक के रस के साथ मिलाकर शहद के साथ खाएँ।
हल्दी के इस्तेमाल से होती है खांसी ठीक (Turmeric : Home Remedy for Cough Treatment in Hindi)
हल्दी में एंटीबैक्टेरियल, एन्टीवायरल एवं सूजनरोधी गुण पाए जाते है। एक चम्मच हल्दी और अजवायन को एक गिलास पानी में उबालें। जब यह पानी उबलकर आधा हो जाए तब इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो बार सेवन करें।
कच्ची हल्दी के रस को कुछ देर मुहँ में रखें, जैसे-जैसे यह गले से नीचे उतरेगा खाँसी की उग्रता में कमी आएगी। खाँसी ठीक न होने तक प्रतिदिन ऐसा करें।
सूखी खांसी का इलाज अदरक (Ginger : Home Remedy for Cure Cough in Hindi)
एक चम्मच अदरक के रस को शहद के साथ चाटने से सूखी खाँसी में आराम मिलता है।
अदरक को पानी में अच्छी तरह उबाल लें जब इसका काढ़ा बनकर तैयार हो जाए तब दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से खाँसी में आराम मिलता है।
और पढ़े – खाँसी में कदम्ब के फायदे
और पढ़ें – खाँसी में लाजवंती के फायदे
नमक से सूखी खांसी का घरेलू उपचार (Salt : Home Remedy in Cough in Hindi)
एक गिलास गरम पानी में एक चम्मच नमक मिला कर सुबह-शाम गरारा करने से सूखी खाँसी में आराम मिलता है।
खांसी की बीमारी का उपचार प्याज (Onion Uses in Cure Cough in Hindi)
आधा चम्मच प्याज का रस और एक चम्मच शहद मिला कर दिन में दो बार लेने से खाँसी में आराम मिलता है।
मुलेठी के इस्तेमाल से करें खांसी को ठीक (Mulethi : Home Remedy for Cough Treatment in Hindi)
मुलेठी का चूर्ण श्वसन तंत्र में सूजन को कम करता है तथा म्यूकस को ढीला करता है इसके लिए दो बड़ी चम्मच मुलेठी के चूर्ण को 2-3 गिलास पानी में डालकर उबालें और 10-15 मिनट तक इसकी भाप लें।
और पढ़ें: मुलेठी के फायदे
गिलोय के प्रयोग से पुरानी खांसी का इलाज (Giloy Benefits in Cough Treatment in Hindi)
गिलोय के रस को प्रतिदिन सुबह-शाम खाली पेट पीने से पुरानी खाँसी भी ठीक हो जाती है।
और पढ़ें: गिलोय के औषधीय गुण
अनार के सेवन से सूखी खांसी का उपचार (Anar Benefits in Cough Problem in Hindi)
अनार के छिलकों को छाया में रख कर सुखा लें अब एक-एक टुकड़ा मुहँ में रख कर इसको चूसते रहें। इससे सूखी खाँसी में बहुत लाभ मिलता है।
अनार के रस को गरम कर के पीने से भी खाँसी जल्दी ही ठीक हो जाती है।
कफ वाली खांसी में सरसों का प्रयोग लाभदायक (Mustard Uses in Cure Cough in Hindi)
एक चम्मच सरसों के बीजों को एक गिलास गरम पानी में डालकर उबाल लें। अच्छी प्रकार उबल जाने पर इस पानी को पानी से जमें हुए कफ से राहत मिलती है। सरसों के बीज में मौजूद सल्फर जमे हुए कफ को बाहर निकालने में मदद करता है।
और पढ़ें – खांसी में देवदार के फायदे
गीली खांसी में बादाम का इस्तेमाल फायदेमंद (Almond Benefits for Cough in Hindi)
8-10 बादाम लेकर रात को पानी में भिगा दें सुबह इन्हें छिलकर दरदरा पीस लें और इसमें थोड़ी सी मक्खन और चीनी मिला लें और दिन में तीन बार इसका सेवन करें। यह गीली खाँसी में बेहद फायदेमंद है।
बलगम वाली खांसी में काली मिर्च के प्रयोग से लाभ (Black Pepper Benefits in Cough Disease in Hindi)
काली मिर्च बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है तथा बंद नाक को खोलने में मदद करती है। इसे शहद के साथ मिलाकर चाट लें या फिर चाय में डालकर इसका सेवन करें।
और पढें – जानें चुकंदर के फायदे खाँसी से राहत दिलाने में
खांसी के इलाज के लिए अन्य उपाय (Other Home Remedy for Cough)
- एक चौथाई चम्मच मुलेठी और दालचीनी पाउडर मिलाकर शहद के साथ चाटने से खाँसी में आराम मिलता है।
- 4 कप पानी में 2-3 छोटे टुकड़े अदरक और एक चम्मच सूखा पिपरमिंट मिलाकर उबालें, जब पानी की मात्रा आधी रह जाए तब इसे उतारकर ठंडा कर लें। अब इसमें एक कप शहद को अच्छी प्रकार मिला कर रख लें। प्रतिदिन इस सिरप की एक बड़ी चम्मच मात्रा को दिन में 5-6 बार पिएँ।
खांसी में आपका खान-पान (Your Diet in Cough Disease)
खाँसी में आहार और जीवनशैली का विशेष ध्यान न रखा जाए तो यह बिगड़ कर पुरानी खाँसी का रूप ले सकती है जो कि बहुत ही कष्टकारक होता है। इसलिए खांसी की बीमारी में आपका खान-पान ऐसा होना चाहिएः-
- ठण्डी तासीर वाले खाद्य पदार्थ तथा बासी भोजन का सेवन बिल्कुल बन्द कर दें।
- कोल्ड्रिंक, बर्फ का पानी, आइसक्रीम, जंक फूड, तैलीय भोजन का सेवन बिल्कुल न करें।
- गर्म एवं ताजा भोजन ही खाएँ।
- फलों में अनानास का सेवन करें। अनानास में Bromelain enzyme पाया जाता है जो खाँसी की तीव्रता को कम करता है और बलगम को ढीला करता है।
और पढ़ें: अनानास के फायदे
- दिन में 3-4 बार शहद खाएँ। यह बच्चों की खाँसी में तो बहुत ही फायदेमंद है।
- दूध और दूध से बने पदार्थों का सेवन न करें। इससे खाँसी के दौरों में तीव्रता आ सकती है।
- किसी व्यक्ति को विशेष खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो सकती है जिस कारण खाँसी होती है। ऐसी चीजों का सेवन बिल्कुल न करें।
- शोध के अनुसार फलों में केले, स्ट्राबैरी, पपीता का सेवन Histamine के स्तर को बढ़ा सकते हैं। हमारे शरीर में एलर्जिक प्रतिक्रिया होने पर हिस्टामिन उत्पन्न होता है जिस कारण म्यूकस अधिक (Home Remedy for Cough) बनता है।
- भोजन में सब्जियों के सूप का सेवन बहुत लाभदायक होता है। इसमें काली मिर्च डालकर सेवन करें।
- भाजन में लहसुन एवं प्याज का भी अधिक सेवन करें। यह म्यूकस के उत्पादन को कम करता है।
और पढ़ें: खांसी में तिल के औषधीय गुण
खांसी में आपकी जीवनशैली (Lifestyle changes in Cough)
खांसी रोग में आपकी जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
- प्रदूषणयुक्त वातावरण एवं धूल मिट्टी में जाने से बचें।
- यह संक्रमण के कारण भी होता है इसलिए संक्रमित व्यक्ति एवं जगह से बचना (Home Remedy for Cough) चाहिए।
खांसी की बीमारी में डॉक्टर से कब सम्पर्क करें (When to Contact docotr)
सामान्य खाँसी 8-10 दिन के भीतर घरेलू उपचार एवं उचित खान-पान से ठीक हो जाती है लेकिन यदि इसके बावजूद भी खाँसी 2-3 सप्ताह तक चलती रहे तो यह गंभीर रोग का संकेत हो सकता है।
खाँसते-खाँसते उल्टी हो जाना या खाँसी में खून आने लगे तो तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। यह टी.बी. या फेफड़ो के कैंसर का संकेत भी हो सकता है।
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